कम ब्याज दर पर लोन कैसे लें और EMI कैलकुलेशन कैसे करें:

आज के समय में घर खरीदना हो, बिज़नेस शुरू करना हो, पढ़ाई के लिए फंड चाहिए हो या कोई बड़ा खर्च करना हो – लोन एक ज़रूरी वित्तीय साधन बन चुका है। लेकिन लोन लेना जितना आसान दिखता है, उतना ही महंगा भी साबित हो सकता है अगर ब्याज दर ज्यादा हो। इसलिए सबसे अहम सवाल यह है कि कम ब्याज दर पर लोन कैसे लिया जाए और EMI कैलकुलेशन कैसे समझा जाए, ताकि भविष्य में आर्थिक बोझ न बढ़े।

लोन की ब्याज दर क्या होती है और यह क्यों मायने रखती है

ब्याज दर वह प्रतिशत होती है जो बैंक या वित्तीय संस्था आपके लोन अमाउंट पर चार्ज करती है। यही ब्याज दर तय करती है कि आपको कुल मिलाकर कितना पैसा वापस करना पड़ेगा। अगर ब्याज दर थोड़ी सी भी ज्यादा हो, तो लंबी अवधि में आपकी EMI और कुल भुगतान काफी बढ़ सकता है। इसी वजह से कम ब्याज दर पर लोन लेना समझदारी भरा फैसला माना जाता है।

कम ब्याज दर पर लोन कैसे लें और EMI कैलकुलेशन कैसे करें:

कम ब्याज दर पर लोन लेने के आसान और असरदार तरीके

कम ब्याज दर पर लोन पाने के लिए सबसे पहले आपकी क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होनी चाहिए। बैंक या NBFC किसी भी ग्राहक को लोन देने से पहले उसका क्रेडिट स्कोर देखती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज्यादा है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाना, पुराने लोन क्लोज करना और लिमिट से ज्यादा क्रेडिट का इस्तेमाल न करना क्रेडिट स्कोर सुधारने में मदद करता है।

इसके अलावा, हमेशा अलग-अलग बैंकों और लोन कंपनियों की ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए। कई बार एक ही लोन पर अलग-अलग संस्थाएं अलग ब्याज दर ऑफर करती हैं। सरकारी बैंक आमतौर पर कम ब्याज दर देते हैं, जबकि प्राइवेट बैंक तेज़ प्रोसेसिंग के साथ थोड़ी ज्यादा दर लेते हैं। सही तुलना से आप बेहतर विकल्प चुन सकते हैं।

लोन की अवधि भी ब्याज दर को प्रभावित करती है। छोटी अवधि के लोन पर ब्याज दर कम होती है, जबकि लंबी अवधि में ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। अगर आपकी इनकम स्थिर है, तो कम अवधि का लोन चुनना फायदेमंद रहता है।

सैलरी अकाउंट जिस बैंक में है, उसी बैंक से लोन लेने पर कई बार कम ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस में छूट मिल जाती है। इसके अलावा, अगर आपके पास कोलैटरल यानी संपत्ति या FD जैसी सिक्योरिटी है, तो सिक्योर्ड लोन पर ब्याज दर अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में काफी कम होती है।

फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर में क्या फर्क है

लोन लेते समय यह समझना भी जरूरी है कि आप फिक्स्ड ब्याज दर चुन रहे हैं या फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर में EMI पूरी अवधि तक एक जैसी रहती है, जिससे प्लानिंग आसान हो जाती है। वहीं फ्लोटिंग ब्याज दर मार्केट के हिसाब से घटती-बढ़ती रहती है। अगर भविष्य में ब्याज दर कम होती है, तो फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों को फायदा होता है। लंबे समय के लोन के लिए फ्लोटिंग ब्याज दर अक्सर बेहतर मानी जाती है।

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EMI क्या होती है और यह कैसे तय होती है

यानी Equated Monthly Installment, वह राशि होती है जो आपको हर महीने बैंक को चुकानी होती है। EMI में दो हिस्से होते हैं – एक मूलधन (Principal) और दूसरा ब्याज (Interest)। शुरुआत के सालों में EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है और धीरे-धीरे मूलधन का हिस्सा बढ़ता जाता है।

मुख्य रूप से तीन चीज़ों पर निर्भर करती है –
लोन अमाउंट, ब्याज दर और लोन की अवधि।

EMI कैलकुलेशन कैसे करें

मान लीजिए आपने ₹5,00,000 का पर्सनल लोन लिया है, जिसकी ब्याज दर 10% सालाना है और अवधि 5 साल की है। ऐसे में आपकी EMI लगभग ₹10,600 के आसपास आएगी। अगर यही लोन 7 साल के लिए लिया जाए, तो EMI कम हो जाएगी, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ेगा।

आजकल EMI कैलकुलेशन के लिए ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, जहां आप सिर्फ लोन अमाउंट, ब्याज दर और अवधि डालकर तुरंत EMI जान सकते हैं। इससे आपको पहले से अंदाजा हो जाता है कि लोन आपकी जेब पर कितना असर डालेगा।

कम ब्याज दर पर लोन कैसे लें और EMI कैलकुलेशन कैसे करें:
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EMI कम रखने के स्मार्ट तरीके

अगर आप चाहते हैं कि आपकी EMI कम रहे, तो लोन लेने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। ज्यादा डाउन पेमेंट करने से लोन अमाउंट कम हो जाता है, जिससे EMI अपने आप घट जाती है। इसके अलावा, अगर आपकी इनकम बढ़ती है, तो आप बीच-बीच में पार्ट-पेमेंट कर सकते हैं, जिससे ब्याज का बोझ कम होता है।

लोन को समय से पहले बंद करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसके लिए प्री-पेमेंट चार्ज जरूर चेक करना चाहिए।

कम ब्याज दर पर लोन कैसे लें और EMI कैलकुलेशन कैसे करें:

निष्कर्ष

कम ब्याज दर पर लोन लेना और सही EMI कैलकुलेशन समझना वित्तीय रूप से मजबूत रहने के लिए बेहद जरूरी है। अगर आप क्रेडिट स्कोर अच्छा रखें, सही तुलना करें और लोन की शर्तों को ध्यान से समझें, तो लोन आपके लिए मददगार साबित हो सकता है, बोझ नहीं। समझदारी से लिया गया लोन न सिर्फ आपके सपनों को पूरा करता है, बल्कि आपके भविष्य को भी सुरक्षित बनाता है।

By Meera

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